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नियति पर कविताएँ

नियति शब्द भाग्य, दैव,

पूर्वकृत कर्मों का परिणाम आदि अर्थ देता है।

वह मेरी नियति थी

श्रीकांत वर्मा

महाभारत

अच्युतानंद मिश्र

इतिहासांत

कैलाश वाजपेयी

सोचो तो कितने लोग

मारीना त्स्वेतायेवा

रात सड़क लैंप...

अलेक्सांद्र ब्लोक

रोग

नवीन सागर

हेमलेट

बोरीस पस्तेरनाक

अस्पताल में

बोरीस पस्तेरनाक

अपने ही बेटे को देखकर

कालीप्रसाद रिजाल

अनायास

मारीना त्स्वेतायेवा

बे-कटा खेत

निकोलाइ नेक्रासोव

आत्मदया का क्षण

कैलाश वाजपेयी

अंततः

अलेक्सांद्र ब्लोक

अपनी-अपनी राह

रमाकांत रथ

इस झुलसे शहर में

सुभाष मुखोपाध्याय

शकुन-अपशकुन

पीयूष तिवारी

परिचय-पत्र

सच्चिदानंद राउतराय

एक बार फिर

वेलिमिर ख्लेब्निकोव

उपकथा

गोपालकृष्ण रथ

करो नहीं बलात्कार

प्रतिभा शतपथी

आज़ादी का सूनापन

गोविंद निषाद

प्रारब्ध

आग्नेय

कवि का नसीब

गोपालकृष्ण रथ

औरत

गिरिबाला महांति

निमित्त के दरवाज़े अचानक खुलते हैं

दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे

अभिनेत्री

बी. गोपाल रेड्डी

एक और ‘छोड़ना’

प्रियंका दुबे

नि:सत्व

स्मिता सिन्हा

भाग्य-रेखा

पंकज प्रखर

नियति

अजीत रायज़ादा

अमर

चंद्रकुमार

क़साईबाड़े की ओर

हरीशचंद्र पांडे

बंदी

अलेक्सेइ तोल्सतोय

पकड़

प्रेमजी प्रेम

किराये का घर

ओ.एन.वी. कुरुप

रास्ते का कुत्ता

नवारुण भट्टाचार्य

दीप

कन्हैयालाल सेठिया

भाग्यरेखा

संजय शेफर्ड

रस्सी का फंदा

लनचेनबा मीतै

कथा

अरुण कमल

प्राक्तन

बिप्लव चौधुरी

कौआ मर गया...

रमेश पारेख

ठूँठ और चोंच

अंबिका दत्त

हाशिए पर आदमी

अजीत रायज़ादा