कालचक्र का चक्कर
सच है—'अपना सोचा होत नहिं, प्रभु चेता तत्काल'—
'अहन्यहनि भूतानि गच्छन्ति यममन्दिरम्।
शेषा जीवितूमिच्छन्ति किमश्चर्यमतः परम्॥'
बराबर देख रहे हैं, आज यह गए, कल उनकी बारी आई, परसों उन्हें चिता पर सुला आये। पर जो बचे हुए है, उन्होंने यही मन में ठान रखा है