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पराजय पर कविताएँ

जीवन-प्रसंगों में जय-पराजय

मनुष्य के प्रमुख मनोभावों में से एक है। यह किसी के हर्ष तो किसी के लिए विषाद का विषय है। यहाँ प्रस्तुत चयन में उन कविताओं का संकलन किया गया है, जिनमें ‘हार की जीत’ और ‘जीत की हार’ रेखांकित है।

असफलता के मौन क्षणों में

कृष्ण मुरारी पहारिया

अठारह दिन

बद्री नारायण

हम हारे हुए लोग हैं

कुशाग्र अद्वैत

दुत्कार

आदर्श भूषण

संघर्ष

अरुण देव

पूर्णकाम झर पाएँगे

नंदकिशोर आचार्य

पराजित मन

शंकरानंद

पराजित

मणि मोहन

लूट

प्रकाश चंद्रायन

सहा बहुत सहा, कहा किससे क्या?

कृष्ण मुरारी पहारिया

कुछ ऐसा साथी मेरा इतिहास है

कृष्ण मुरारी पहारिया

नायक की पराजय

परमिंदर सोढ़ी

यूँ तो

कुमार मुकुल

पराजय-गीत

बालकृष्ण शर्मा नवीन

परीक्षा

अजित कुमार

गुम हुए लोग

रंजना मिश्र

नायक की पराजय

परमिंदर सोढ़ी

रहस्य-14

सोमेश शुक्ल

सौगंध

शीला सिद्धांतकर

होड़

मनोज मोहन

युग और मैं

दूधनाथ सिंह

हारना

यतींद्र मिश्र

पराजय

महेश आलोक

हार जाता हूँ

नवनीत पांडे

खोटे सिक्के

नीलेश रघुवंशी

मेरी हार

सोनी पांडेय

हमारे गीत में

संजय कुंदन

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