Font by Mehr Nastaliq Web

पराजय पर उद्धरण

जीवन-प्रसंगों में जय-पराजय

मनुष्य के प्रमुख मनोभावों में से एक है। यह किसी के हर्ष तो किसी के लिए विषाद का विषय है। यहाँ प्रस्तुत चयन में उन कविताओं का संकलन किया गया है, जिनमें ‘हार की जीत’ और ‘जीत की हार’ रेखांकित है।

हार मन की एक अवस्था है, कोई भी तब तक पराजित नहीं होता, जब तक हार को सच में स्वीकार नहीं किया जाता है।

ब्रूस ली

संबंधित विषय