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आत्मविश्वास पर उद्धरण

अपने में विश्वास और जिसको दुश्मन मानें उसका उद्धार करने में हमारी रक्षा होती है।

महात्मा गांधी

तो हमारे अंतःकरण से अधिक भयंकर कोई साक्षी हो सकता है और कोई दोषारोपण करने वाला इतना शक्तिशाली।

सोफोक्लीज़

तुम्हारे पास क्या है; उससे नहीं, वरन् तुम क्या हो उससे ही तुम्हारी पहचान है।

ओशो

इंसान ऐसा बना है कि अगर वह अपने बनाने वाले को समझ ले और यह समझ ले कि मैं उसी भगवान का प्रतिबिंब हूँ, तो दुनिया की कोई ताक़त उसके स्वमान को छीन ही नहीं सकती। उसके स्वमान का हनन कोई कर सकता है तो वह ख़ुद ही कर सकता है

महात्मा गांधी

…मुझे एहसास हुआ है कि प्रकृति के महान नियमों का उल्लंघन प्राणनाशक पाप है। हमें ज़ल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए, हमें अधीर नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें आत्मविश्वास के साथ शाश्वत लय की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

निकोस कज़ानज़ाकिस

आत्मविश्वास रावण का सा नहीं होना चाहिए जो समझता था कि मेरी बराबरी का कोई है ही नहीं। आत्मविश्वास होना चाहिए विभीषण जैसा, प्रह्लाद जैसा। उनके जी में यह भाव था कि हम निर्बल हैं, मगर ईश्वर हमारे साथ है और इस कारण हमारी शक्ति अनंत है।

महात्मा गांधी

यह सर्वविदित है कि जो लोग ख़ुद पर भरोसा नहीं करते हैं, वे कभी दूसरों पर भरोसा नहीं करते हैं।

अल्फ़्रेड एडलर

धारणा करने के लिए संयम चाहिए और मिथ्याचार के लिए असंयम।

रवींद्रनाथ टैगोर

हे अर्जुन! जिसने समत्व बुद्धि रूप योग द्वारा सब कर्मों का संन्यास कर दिया है, जिसने ज्ञान से सब संशय दूर किए हैं, और जो आत्मबल से युक्त है, उसको कर्म नहीं बाँधते हैं।

वेदव्यास

भीतर इतनी गहराई हो कि कोई तुम्हारी थाह ले सके। अथाह जिनकी गहराई है, अगोचर उनकी ऊँचाई हो जाती है।

ओशो

दूसरे लोग जो स्वराज्य दिला दें वह स्वराज्य नहीं है, बल्कि परराज्य है।

महात्मा गांधी

जो ख़ुद अपने पैरों पर खड़ा नहीं होना चाहता, उसे दूसरे कहाँ तक खड़ा करते रहेंगे।

श्रीलाल शुक्ल

आप बिना किसी पुस्तक को पढ़े या बिना साधु—संतों और विद्वानों को सुने अपने मन का अवलोकन कर सकते हैं।

जे. कृष्णमूर्ति

सही अर्थों में व्यक्ति वही है जो स्वयं में विभाजित और खंडित नहीं है। किंतु हम खंड-खंड टूटे हुए हैं, अतः हम व्यक्ति नहीं है। जो समाज है, वही हम भी हैं।

जे. कृष्णमूर्ति

रक्षा के उपाय को अपने बाहर ढूँढ़ना, दुर्बल आत्मा की मूढ़ता है—ध्रुव सत्य तो यही है : 'धर्मो रक्षति रक्षितः’।'

रवींद्रनाथ टैगोर

हे अर्जुन! वेद तीन गुणों के विषयों से युक्त हैं। तू तीनों गुणों के परे (अर्थात् नित्य सत्त्वगुण में स्थित), द्वंद्वों से मुक्त, योग-क्षेम का विचार करने वाला और आत्मबल से युक्त हो।

वेदव्यास

स्वराज्य की सच्ची ख़ुमारी उसी को हो सकती है, जो आत्मबल अनुभव करके शरीर बल से नहीं दबेगा और निडर रहेगा तथा सपने में भी तोप बल का उपयोग करने की बात नहीं सोचेगा।

महात्मा गांधी

जिसका आत्म-बल पर विश्वास है, उसकी हार नहीं होती, क्योंकि आत्म-बल की पराकाष्ठा का अर्थ है मरने की तैयारी।

महात्मा गांधी

अंततः सबसे अच्छी क़िस्मत वह होती है, जिसे आप ख़ुद बनाते हैं।

अशदीन डॉक्टर

प्राकृतिक अनुकूलताएँ भी हों, उनमें स्वावलंबी रहना—दोष नहीं बल्कि उचित है।

महात्मा गांधी

जिसका आत्मबल पर विश्वास है, उसकी हार नहीं होती क्योंकि आत्मबल की पराकाष्ठा का अर्थ है मरने की तैयारी।

महात्मा गांधी

आत्मविश्वास सफलता का प्रथम रहस्य है।

राल्फ़ वाल्डो इमर्सन

आत्म-विश्वास का अर्थ है अपने काम में अटूट श्रद्धा।

महात्मा गांधी

जो आदमी अपने-आपको मदद देने के लिए ख़ुद तैयार रहता है, उसी को ईश्वर मदद देता है।

महात्मा गांधी

मैं यही कहूँगा कि जो बहादुर होते हैं, उनको किसी की मदद की ज़ररूत नहीं होती।

महात्मा गांधी

तुम सच्ची दोस्ती, असली जुड़ाव, अडिग प्रेम के हकदार हो और जब तुम उसे चुनते हो तो दुनिया बदल जाती है।

एंथनी हॉपकिंस

ख़ुद नाचना-गाना प्रथम दर्जे का आनंद है, टीवी पर दूसरों को नाचते-गाते देखना दूसरे दर्जे का आनंद है।

अमृतलाल वेगड़

अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें : कम प्रतिक्रिया करना सीखें और इसके बजाय जवाब देना सीखें।

साइमन गिलहम

बोल्ड होना आवश्यक आदत है। इसे अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाने के लिए इस अभ्यास को करें।

अशदीन डॉक्टर

जितना ज़्यादा तुम ख़ुद को उस भूमिका में फ़िट करने की कोशिश करते हो, उतना ही तुम उन रिश्तों और उस समुदाय से दूर होते हो, जो सच में तुम्हारे लिए बने हैं।

एंथनी हॉपकिंस

अगर कोई चीज़ आपको ख़ुशी देती है; तो दूसरे उसे किस रूप में लेते हैं, इससे कोई फ़र्क ही नहीं पड़ता।

साइमन गिलहम
  • संबंधित विषय : सुख

जब तुम ख़ुशी, मक़्सद और जुनून से भरी ज़िंदगी जीने के लिए उठने का फ़ैसला करोगे तो हर कोई तुम्हारे साथ नहीं उठेगा। यह तुम्हारी ग़लती नहीं है, और इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं कि तुम्हें ख़ुद को छोटा करना होगा ताकि वे सहज महसूस कर सकें।

एंथनी हॉपकिंस
  • संबंधित विषय : सुख

जो है आत्मविश्वासी वही तो अस्तिवादी है।

मैथिलीशरण गुप्त

समय-समय पर झुँड से अलग होना महत्वपूर्ण है।

अशदीन डॉक्टर

चुनौतियाँ आई और गईं, पर मैंने सफलता और विफलता के हर क्षण का भरपूर आनंद लिया। मुझे थकान महसूस हुई और मैंने ख़ुद को खोया हुआ या उद्देश्यहीन माना; यही, मेरी नज़र में सबसे बड़ी जमापूँजी है!

अमोल पालेकर

चीज़ों की नक़ल कर पाने की उसकी प्रतिभा उसे यह मौक़ा देती थी कि वह हर पल अपने आप को ख़ुद से अलग कर सके और सबसे ठंडे न्यायाधीश की तरह अपने आप को बाहर से देख और परख सके।

पीएत्रो चिताती

बीच में होना, बस झुँड का हिस्सा होना–प्रेरणादायक नहीं होता है।

अशदीन डॉक्टर

उन्हें ही सिर्फ़ अंदर आने दो, जो तुम्हारी आत्मा से मेल खाते हैं।

एंथनी हॉपकिंस

हमें यह अहसास करने की ज़रूरत है कि हम एक फ़िल्म या ग्रीक त्रासदी में नहीं जी रहे हैं।

अशदीन डॉक्टर

अपनी ज़िंदगी को एक पवित्र जगह बना दो।

एंथनी हॉपकिंस

बीच में फँसकर कभी कुछ अच्छा नहीं होता।

अशदीन डॉक्टर