Font by Mehr Nastaliq Web

आत्म-तत्व पर उद्धरण

कोई ही इस आत्मा को आश्चर्यवत् देखता है और वैसे ही दूसरा कोई ही आश्चर्यवत् (इसके तत्त्व को) कहता है और दूसरा (कोई ही) इस आत्मा को आश्चर्यवत् सुनता है। और कोई सुनकर भी इस आत्मा को नहीं जानता।

वेदव्यास