
मौन निकटता की भावना लाता है। जैसे ही बात खुलती है, तीसरी उपस्थिति की मानो चेतावनी आती है।

उपन्यास भावनाओं को साँचा देते हैं, समय का ऐसा अनुमान देते हैं जिसे औपचारिक इतिहास नहीं दे सकता।

संभवतः मेरे जीवन का अस्ल मक़सद मेरे शरीर, मेरी संवेदनाओं और मेरे विचारों को लेखन बनाने के लिए हो, दूसरे शब्दों में : कुछ समझ में आने लायक़ और सार्वभौमिक हो, जिससे मेरा अस्तित्व अन्य लोगों के जीवन और मस्तिष्क में विलीन हो जाए।

जल्दी-जल्दी में लिखी गईं गोपनीय नोटबुक्स और तीव्र भावनाओं में टाइप किए गए पन्ने, जो ख़ुद की ख़ुशी के लिए हों।

जब बुराई को अच्छाई के साथ प्रतिस्पर्धा करने दी जाती है, तो बुराई में भावात्मक जनवादी गुहार होती है जो तब तक जीतती रहती है जब तक कि अच्छे पुरुष और स्त्रियाँ दुर्व्यवहार के ख़िलाफ़ एक अग्र-दल के रूप में खड़े न हो जाएँ।

जब मैं लिखती हूँ, तो मेरे मन में कहीं वह विलक्षण और बहुत सुखद भावना सिर उठाती है जो कि मेरा अपना दृष्टिकोण है…

मैंने उसे अपना दिल दिया, और उसने लेकर उसे कुचलकर मार डाला : और मेरी ओर वापस उछाल दिया। …और चूँकि उसने मेरा दिल नष्ट कर दिया, मेरे पास उसके लिए कोई भावनाएँ नहीं हैं।

पुराने दोस्त की तरह जब कोई आपको बहुत अच्छी तरह से जान जाता है तो वह आपसे मिलना नहीं चाहता।

वे भावनाएँ कितनी उबाऊ हैं कि जिनमें हम फँस जाते हैं और उनसे मुक्त नहीं हो सकते, चाहे हम कितना भी चाहें…

वेदना का परिष्कार ही रुचि है; किंतु संवेदना में ‘क्रिया’ नहीं होती, वह तो केवल ग्रहण ही करती है।

कोई कभी भी किसी को उसकी भावना को बदलने के लिए नहीं कह सकता है।

कुछ भावनाएँ वर्षों की दूरी ख़त्म कर देती हैं और असंभव स्थानों को जोड़ देती हैं।

अजनबी लोगों से मिली सहानुभूति बर्बाद कर सकती है।

संगीत, संवेदनाएं, पौराणिक कथाएँ, समय के साथ ढ़ल चुके चेहरे और कुछ जगहें हमें कुछ बताना चाहते हैं, या हमें कुछ बता रहे हैं जिनसे हमें चूकना नहीं चाहिए था या वे हमसे कुछ कहने वाले हैं, एक रहस्य का बहुत क़रीब से प्रकट होना, जिसे बनाया नहीं, जो शायद एक सुन्दर घटना है।

उपयोग न होने से लोहे में ज़ंग लग जाती है; पानी के एक जगह ठहरने से वह अपनी शुद्धता खो देता है... वैसे ही निष्क्रियता मन की शक्ति को कम कर देती है।

पिजड़े में बंद परिंदे, आज़ाद पक्षी को घायल होते देखकर बड़े प्रसन्न होते हैं, क्योंकि उनकी घुटन से उत्पन्न हीनता की भावना को शांति मिलती है।


भावों का उत्कर्ष दिखाने और वस्तुओं का रूप, गुण और क्रिया का अधिक तीव्र अनुभव कराने में कभी-कभी सहायक होने वाली युक्ति ही अलंकार है।

भावना सतत परिवर्तनशील है।

भावना जितनी गहरी होगी, दर्द उतना ही अधिक होगा।

भावना का तर्क दुनिया के कुटिल जटिल तर्क को नहीं समझता भावना में जीने वाला व्यक्ति इस कुटिल तर्क को, इस यथार्थ को महसूस करता है, देखता भी है, पर वह हमेशा उसके हाथ से छूट जाता है।
