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ध्यान पर उद्धरण

ध्यान

(परमेश्वर के स्वरूप के) ध्यान की अपेक्षा कर्मफल का त्याग श्रेष्ठ है।

वेदव्यास

ज्ञान की अपेक्षा (परमेश्वर के स्वरूप का) ध्यान श्रेष्ठ है।

वेदव्यास

तल्लीनता के साथ शून्य ध्यान में मग्न हो जाना यही असली ध्यान है।

वृंदावनलाल वर्मा

सारे ज्ञान-ध्यान का लक्ष्य सही कर्म है।

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी

ईश्वरीय पुकार दुर्लभ है परंतु वह हृदय जो उस पर ध्यान देता है, दुर्लभतर है।

श्री अरविंद