Font by Mehr Nastaliq Web

दुर्लभ पर उद्धरण

ये तीन दुर्लभ हैं और ईश्वर के अनुग्रह से ही प्राप्त होते हैं—मनुष्य जन्म, मोक्ष की इच्छा और महापुरुषों की संगति।

आदि शंकराचार्य

श्रेष्ठ व्यक्ति का सम्मान करके उन्हें अपना बना लेना दुर्लभ पदार्थों से भी अधिक दुर्लभ है।

तिरुवल्लुवर

ऐसा विदग्ध जन दुर्लभ है जो सबकी अनुकूलता के वशीभूत हो, बिना कारण के मित्र तथा अकृत्रिम हृदय वाला हो।

बाणभट्ट
  • संबंधित विषय : दिल