Font by Mehr Nastaliq Web

जन्म पर उद्धरण

जन्म और जन्मदिन विषयक

कविताओं का एक चयन।

अनंत अपनी मृत्यु में रहते हैं इतने धुँधले कि हमारी झलक में बार-बार जन्म लेते हैं संसार!

नवीन सागर

जन्म चाहिए, हर चीज़ को एक और जन्म चाहिए।

नवीन सागर

संबंधित विषय

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए