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राज्य पर उद्धरण

राज्य अपना धर्म पालन करे या करे, मगर हमें तो अपना कर्त्तव्य पूरा करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

सरदार वल्लभ भाई पटेल

जहाँ किसान सुखी नहीं है, वहाँ राज्य भी सुखी नहीं है और साहूकार भी सुखी नहीं है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल

जन्म और मृत्यु दो भिन्न स्थितियाँ नहीं हैं, बल्कि एक ही स्थिति के दो अलग पहलू हैं।

महात्मा गांधी

निस्संदेह सशक्त सरकार और राजभक्त जनता से उत्कृष्ट राज्य का निर्माण होता है। परंतु बहरी सरकार और गूँगे लोगों से लोकतंत्र का निर्माण नहीं होता।

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी

बुद्धिमान मंत्री वह है जो बिना कर लगाए ही कोष की वृद्धि करता है, बिना किसी की हिंसा किए देश की रक्षा करता है तथा बिना युद्ध किए ही राज्य का विस्तार करता है।

मेरुतुंग