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संस्कृति पर कविताएँ

फिर जन्म लूँगी उड़ीसा में

मनोरमा बिश्वाल महापात्र

पुल्लुव-बाला

पी. कुण्हिरमन नायर

कौवा और आचार्य

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

बस अड्डे का चिनार

मरग़ूब बानिहाली

गाड़िया लुहार

गोरधनसिंह सेखावत

देवीपीठ

गायत्रीबाला पंडा

जैसलमेर

ग़ुलाम मोहम्मद शेख़

धनशिरी के लिए दो स्तवक

प्रफुल्ल भुइयाँ

तुम लोगों के लिए

हर्षदेव माधव

वधू

चिरंजीवि

नाग चतुर्थी

बसवराजु अप्पाराव

संस्कृत वाणी का आर्तनाद

माधवचैतन्य ब्रह्मचारी

जिप्सी

के. सच्चिदानंदन

स्वप्नगंधा ओ पलाशी...

आकृति विज्ञा 'अर्पण’

क़ातिल संस्कृति

चंद्रेश्वर

सभ्यता के साथ

अहर्निश सागर

संस्कृति

कुसुमाग्रज

बीज

प्रियंकर पालीवाल

अम्मा का पानदान

वंदना गुप्ता

कामसूत्र

शिवमंगल सिद्धांतकर

फुलकारी

ईश्वर दयाल गौड़

गिरजे की घंटियाँ

जी. शंकर कुरुप

प्रबोध

रायप्रोलु वेंकट सुब्बाराव

संक्रांति

तुम्मल सीताराममूर्ति चौधरी

धनबर और रतनी

लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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