संस्कृति, समय और भारतीय उपन्यास
हम भारतीय लेखक उस विधा के बारे में बहुत कम सोचते हैं, जिसे स्वयं अपने सृजन के लिए चुनते हैं। हमारे ‘विधा' महज़ माध्यम हैं, लक्ष्य कुछ हैं और साहित्य, समाज, दर्शन। इसलिए 'साहित्य' साहित्य की रचना करते हैं। हम यह नहीं सोचते कि लेखक की नैतिकता उसके विचारों