दिल्ली पर कविताएँ
भारत की राजधानी के रूप
में दिल्ली कविता-प्रसंगों में अपनी उपस्थिति जताती रही है। ‘हुनूज़ दिल्ली दूर अस्त’ के मेटाफ़र के साथ ही देश, सत्ता, राजनीति, महानगरीय संस्कृति, प्रवास संकट जैसे विभिन्न संदर्भों में दिल्ली को एक रूपक और प्रतीक के रूप में बरता गया है। प्रस्तुत चयन दिल्ली के बहाने कही गई कविताओं से किया गया है।
संबंधित विषय
- अकेलापन
- अकाल
- अवसाद
- आत्म
- इच्छा
- इतिहास
- कवि
- कवि पर कवि
- कविता
- कोरोना
- ग़रीबी
- गाँव
- चुनाव
- चीज़ें
- जीवन
- डर
- देश
- दिल
- दिल्ली
- निंदा
- प्रतिरोध
- प्रधानमंत्री
- प्रेम
- प्रायश्चित
- भविष्य
- भीड़
- मृत्यु
- मलयालम कविता
- माया
- मित्र
- यात्रा
- रेल
- रात
- रोग
- लोक
- लोकतंत्र
- व्यंग्य
- शहर
- शांति
- शिकायत
- संघर्ष
- सृजन
- सन्नाटा
- संबंध
- समय
- समाज
- स्वप्न
- हास्य
- हिंदी