अकाल पर कविताएँ

अकाल वह स्थिति है जब

प्राकृतिक आपदा, फ़सल-विफलता, युद्ध अथवा अराजकता के परिदृश्य में अनाज, पशुओं के चारे एवं अन्य आवश्यक खाद्य-सामग्रियों का अभाव उत्पन्न होता है। अस्तित्व पर तत्कालीन संकट और भविष्य पर इसके कुल जमा प्रभाव के रूप में यह मानवीय संवेदना का विषय है जो काव्य में अभिव्यक्ति पाता रहा है।

ऊँट

कृष्ण कल्पित

अकाल

केशव तिवारी

सूखा

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

अकाल

अनिल जनविजय

ये जहाँ भी होंगे

केशव तिवारी

अकाल का पहला दिन

राजकमल चौधरी

अकाल

नंद चतुर्वेदी

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए