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सृजन पर कविताएँ

देना

नवीन सागर

शीघ्रपतन

प्रकृति करगेती

महाभारत

अच्युतानंद मिश्र

ख़ाली आँखें

नवीन रांगियाल

अंतिम दो

अविनाश मिश्र

एक प्रश्न

सौरभ अनंत

आत्म-मृत्यु

प्रियंका दुबे

हवा की बाँहें पसारे

कृष्ण मुरारी पहारिया

बार-बार

ममता बारहठ

मेघदूत विषाद

सुधांशु फ़िरदौस

फिर जो होना था

संजय चतुर्वेदी

चिड़िया

शरद जोशी

कवि

महेंद्र भल्ला

सुंदर कविता

प्रदीप सैनी

बकवास

ज़ुबैर सैफ़ी

एक दृश्य

सारुल बागला

कोई तो लिखे

स्मिता सिन्हा

नगड़ची की हत्या

रमाशंकर सिंह

तुम

बेबी शॉ

आँसू का अनुवाद

मदनलाल डागा

काव्‍य-मर्यादा

नवीन रांगियाल

अक्षर

राजेंद्र यादव

ऐ बंधु!

सारुल बागला

बेईमानी

अर्पिता राठौर

अच्छा नदी मुझे चलने दो

कृष्ण मुरारी पहारिया

अपरिहार्या

प्रज्वल चतुर्वेदी

ये अषाढ़ के पहले बादल

कृष्ण मुरारी पहारिया

आवाज़ तेरी है

राजेंद्र यादव

सड़क

मलयज

जा रहे हम

संजय कुंदन

ख़ून के धब्‍बे

नवीन रांगियाल

यक़ीनन

कमल जीत चौधरी

साज़िश

नवीन रांगियाल

शब्द तक

कुँवर नारायण

शिल्पी

दाशरथि

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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