एलजीबीटीक्यूआईए+ पर कविताएँ

एलजीबीटीक्यूआईए+ यानी—lesbian,

gay, bisexual, transgender/transsexual, queer/questioning, intersex, and asexual and/or ally. ये वे नए समुदाय हैं जिनकी अभिव्यक्तियाँ अपने अधिकारों को लेकर समाज में इन दिनों सर्वाधिक मुखर हैं। प्रस्तुत चयन इस मुखरता में स्वर मिलाती कविताओं का है।

मर्दानगी

आर. चेतनक्रांति

हिजड़े

हरीशचंद्र पांडे

क्रॉसड्रेसर

आर. चेतनक्रांति

टिंडर

शुभम नेगी

परिभाषित के दरबार में

आर. चेतनक्रांति

तीस जून

शुभम नेगी

आग

धर्मेश

हिजड़े

कृष्णमोहन झा

चूमना

धर्मेश

बहनापा

रश्मि भारद्वाज

कविताएँ

धर्मेश

देह

धर्मेश

साक्षात्कार

शुभम नेगी

हिजड़ा कहते ही

राजकिशोर राजन

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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