
परंपरा सीखी नहीं जाती…

दर्शनशास्त्र की आवश्यकता तब पड़ती है जब परंपरा में श्रद्धा हिल जाती है।

पता नहीं यह परंपरा कैसी चली कि भक्त का मूर्ख होना ज़रूरी है।
परंपरा सीखी नहीं जाती…
दर्शनशास्त्र की आवश्यकता तब पड़ती है जब परंपरा में श्रद्धा हिल जाती है।
पता नहीं यह परंपरा कैसी चली कि भक्त का मूर्ख होना ज़रूरी है।