अब्दुल बिस्मिल्लाह के जन्मदिन पर राजकमल प्रकाशन ने मनाया ‘उपलक्ष्य 75’
हिंदी कथा-संसार में हाशिए के लोगों की पीड़ा और जीवन-संघर्ष को शब्द देने वाले कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह अपने जीवन के पचहत्तर बरस पूरे कर चुके हैं। उनकी रचनाएँ गाँव-समाज, बोली-बानी और साधारण मनुष्य के
राजेंद्र यादव का साहित्य लोग भूल जाएँगे, उन्हें नहीं
उम्र के जिस पड़ाव पर ढेर सारे लोगों के आध्यात्मिक होते जाने के क़िस्से सुनाई देने लगते हैं, जीवन के उसी मक़ाम पर राजेंद्र यादव के प्रेम-संबंधों की अफ़वाहें लोग चटकारे लेकर एक-दूसरे से सुन-सुना रहे थे।
बेला तार की ‘द ट्यूरिन हॉर्स’ देखते हुए
...सर्वाधिक तुच्छ और साधारण जीवन में भी एक अपार महानता निहित होती है। ‘द ट्यूरिन हॉर्स’—मात्र एक फ़िल्म नहीं है; यह एक गहन अनुभूति है। एक आध्यात्मिक यात्रा है। यह फ़िल्म हमें आमंत्रित करती है कि हम अ
सआदत हसन मंटो के नाम
सरहद, भारत-पाकिस्तान 2024 मंटो, पहले अज़ीज़ लिखूँ या आदाब, यहीं मात खा गया। ज़ाहिर है प्रोज़ में आपका मुक़ाबला कर पाना, मेरे बस के और बस के कंडक्टर के—दोनों के बाहर है। आज आपकी सालगिरह है। आपको जा