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दर्शन पर उद्धरण

केवल हिंदुस्तान में दर्शन संगीत के रूप में कहा गया। जब दर्शन और संगीत का जोड़ हो जाए तो मज़ा ही आएगा।

राममनोहर लोहिया

किसी विशुद्ध ‘बकवास’ को प्रदर्शित करना, और बोध के द्वारा भाषा की सीमाओं से सिर फोड़ने से आई चोटों को दिखाना दर्शन के परिणाम हैं। इन चोटों से हमें खोज की महत्ता पता चलती है।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन

हे भगवान! दार्शनिक को सभी व्यक्तियों की आँखों के सामने रखी वस्तुओं को देखने की अंतर्दृष्टि प्रदान कर।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन

किसी बेहूदा जासूसी कहानी में कही गई बात किसी बेहूदा दार्शनिक द्वारा कही जाने वाली बात से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण और स्पष्ट होती है।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन

यदि दर्शन और बुद्धि का उपयोग मनुष्यों की समानता की घोषणा करने के लिए किया जाता है, तो उनका उपयोग मनुष्यों के विनाश को उचित ठहराने के लिए भी किया जाता है।

फ्रांत्ज़ फ़ैनन

नारी के सच्चे रूप का दर्शन कितनी बड़ी दुर्लभ वस्तु है, इस बात को जगत के अधिकांश लोग जानते ही नहीं।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय

दरिद्रनारायण के दर्शन करने हों, तो किसानों के झोंपड़ों में जाओ।

सरदार वल्लभ भाई पटेल

"विचारों को छोड़ों और निर्विचार हो रहो, पक्षों को छोड़ो और निष्पक्ष हो जाओ—क्योंकि इसी भाँति

वह प्रकाश उपलब्ध होता है, जो कि सत्य को उद्घाटित करता है।’’

ओशो

मनुष्य प्रभु को पाने का मार्ग है, और जो मंज़िल को छोड़ मार्ग से ही संतुष्ट हो जावें, उनके दुर्भाग्य को क्या कहें?

ओशो

ईसा की वाणी में भारतीय चिंतन ही बोला था, यूरोप में उस वाणी की कोई परंपरा ही नहीं थी। इराक़ तक फैले हुए बौद्ध, शैव और वैष्णव चिंतनों का दर्शन ही उसकी पृष्ठभूमि में था।

रांगेय राघव

तीर्थंकरों ने जो कुछ देने योग्य था, वह दे दिया है, वह समग्र दान यही है—दर्शन, ज्ञान और चरित्र का उपदेश।

आचार्य भद्रबाहु

दर्शन तर्क-वितर्क कर सकता है और शिक्षा दे सकता है, धर्म उपदेश दे सकता है और आदेश दे सकता है; किंतु कला केवल आनंद देती है और प्रसन्न करती है।

सर्वेपल्लि राधाकृष्णन

दर्शनशास्त्र वह विज्ञान है जो सत्य पर विचार करता है।

अरस्तु

मनुष्य को प्रतिक्षण और प्रतिपल स्वयं को नया कर लेना होता है। उसे अपने को ही जन्म देना होता है। स्वयं के सतत् जन्म की इस कला को जो नहीं जानते हैं, वे जानें कि वे कभी के ही मर चुके हैं।

ओशो

जगत् की विघ्न-बाधा, अत्याचार, हाहाकार के बीच ही जीवन के प्रयत्न में सौंदर्य की पूर्ण अभिव्यक्ति तथा भगवान की मंगलमय शक्ति का दर्शन होता है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल

संदेह स्वस्थ चिंतन का लक्षण है और उसके सम्यक् अनुगमन से ही सत्य के ऊपर पड़े पर्दे क्रमशः गिरते जाते हैं और एक क्षण सत्य का दर्शन होता है।

ओशो
  • संबंधित विषय : सच

संसार में एक कृष्ण ही हुआ जिसने दर्शन को गीत बनाया।

राममनोहर लोहिया

विपत्तियों का मधुर दुग्ध - दर्शनशास्त्र।

विलियम शेक्सपियर

प्रथम दर्शन में ही सज्जन व्यक्ति उपहार के रूप में प्रणय को समर्पित करता है।

बाणभट्ट

प्रौढ़ता कल्पनामुक्त दर्शन से ही उपलब्ध होती है।

ओशो

दर्शनशास्त्र की आवश्यकता तब पड़ती है जब परंपरा में श्रद्धा हिल जाती है।

सर्वेपल्लि राधाकृष्णन

प्रेम से आर्द्र, उत्कृष्ट प्रेम के आश्रयभूत, परिचय के कारण प्रगाढ़ अनुराग से संपन्न एवं स्वभाव से सुंदर उस की कटाक्ष आदि चेष्टाएँ मेरे प्रति हों। इस प्रकार की आशा से परिकल्पित होने पर भी तत्काल ही नेत्र आदि बाह्य इंद्रियों के दर्शन आदि क्रियाओं को रोकने वाला और अत्यंत आनंद से प्रगाढ़ चित्त का लय (तन्मयता) हो जाता है।

भवभूति

जीवन के तथाकथित सुखों की क्षणभंगुरता को देखो। उसका दर्शन ही, उनसे मुक्ति बन जाती है।

ओशो

हे देवाधिदेव! अत्यंत शीघ्र ही इस असार संसार को मेरे मन से दूर कर दो। हे यादवेश! मेरे पाप-समूहों को मुझसे दूर कर दो। हे भगवान! आप दीन अनाथ पर अवश्य ही अचल कृपा करते हैं। हे जगन्नाथ स्वामी! मुझे दर्शन दो।

चैतन्य महाप्रभु

पाश्चात्य दर्शन का इतिहास प्लेटो के दर्शन पर पाद-टिप्पणियों की शृंखला से अधिक कुछ नहीं है।

अल्फ़्रेड नॉर्थ व्हाइटहेड

आधुनिक जीवन का आधार कोई जीवन-दृष्टि या दर्शन है भी कहाँ, सिर्फ़ मतवाद है और तंत्र है।

अज्ञेय

दर्शनशास्त्र : असाध्य समस्याओं के अबोधगम्य उत्तर।

हेनरी ब्रूक्स एडम्स

जैसे सर्वोतम धर्म वह है जो सभी धर्मों के सत्य को स्वीकारे, वैसे ही सर्वोतम दार्शनिक मत वह है जो सभी दर्शनों के सत्य को स्वीकारे और प्रत्येक को उसका उचित स्थान दे।

श्री अरविंद

कुछ भी ऐसा बुरा या ऐसा अच्छा नहीं है कि अँग्रेज़ वैसा करता हुआ मिले किंतु कभी भी तुम्हें अँग्रेज़ ग़लती पर नहीं मिलेगा। वह हर बात सिद्धांत पर करता है। वह तुमसे लड़ता है तो देशभक्ति के सिद्धांतों पर; वह तुम्हें लूटता है व्यापारिक सिद्धांतों पर; वह तुम्हें दास बनाता है साम्राज्यवादी सिद्धांतों पर; वह अपने राजा का समर्थन करता है राजकीय सिद्धांतों पर और अपने राजा का सिर काट देता है गणतंत्रीय सिद्धांतों पर।

जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

होरेशियो! तुम्हारे दर्शनशास्त्र में जिन बातों की को कल्पना की गई है, उनकी तुलना में पृथ्वी और स्वर्ग में कहीं अधिक वस्तुएँ हैं।

विलियम शेक्सपियर

दर्शनशास्त्र आश्चर्य की उपज है।

अल्फ़्रेड नॉर्थ व्हाइटहेड

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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