Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

भवभूति

भवभूति की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 21

जो वेदों का अध्ययन तथा उपनिषद्, साँख्य और योगों का ज्ञान है, उनके कथन से क्या फल है? क्योंकि उनसे नाटक में कुछ भी गुण नहीं आता है। यदि नाटक के वाक्यों की प्रौढ़ता और उदारता तथा अर्थ-गौरव है, तो वही पांडित्य और विदग्धता की सूचक है।

  • शेयर

नारियों का चित्त फूल जैसा कोमल होता है।

  • शेयर

पत्थर भी रोने लगता है और वज्र का हृदय भी टुकड़े-टुकड़े हो जाता है।

  • शेयर

प्राण देकर भलाई करें, द्रोह तथा छल का कभी नाम लें, अपनी तरह प्रिय करें, यही मैत्रीधर्म है।

  • शेयर

लोक में अतिशय नवीन चंद्रकला आदि पदार्थ जयशील हैं। स्वभाव से सुंदर और भी पदार्थ हैं जो मन को प्रसन्न करते हैं परंतु जो यह नेत्र चंद्रिका लोक में मेरी दृष्टि में आई हैं, जन्म में एक वही महोत्सव रूप है।

  • शेयर

Recitation