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कला पर उद्धरण

सारी कलाएँ एक-दूसरे में समोई हुई हैं, हर कला-कृति दूसरी कलाकृति के अंदर से झाँकती है।

शमशेर बहादुर सिंह

चीज़ों को देर तक देखना तुम्हें परिपक्व बनाता है और उनके गहरे अर्थ समझाता है।

विन्सेंट वॉन गॉग

मैं अपने चित्रों को स्वप्न में देखता हूँ और अपने स्वप्नों के चित्र बनाता हूँ।

विन्सेंट वॉन गॉग

संगीत, संवेदनाएं, पौराणिक कथाएँ, समय के साथ ढ़ल चुके चेहरे और कुछ जगहें हमें कुछ बताना चाहते हैं, या हमें कुछ बता रहे हैं जिनसे हमें चूकना नहीं चाहिए था या वे हमसे कुछ कहने वाले हैं, एक रहस्य का बहुत क़रीब से प्रकट होना, जिसे बनाया नहीं, जो शायद एक सुन्दर घटना है।

होर्खे लुई बोर्खेस

जो एक स्थान पर टिका होता है, वह अपना मन नहीं बदलता।

लियोनार्डो दा विंची

कला हमेशा मनुष्य का चुनाव करती है, जो मूर्त है, कला सैधान्त्तिक नहीं होती।

होर्खे लुई बोर्खेस

कला उनके लिए सान्त्वना है जिन्हें जीवन ने तोड़ दिया है।

विन्सेंट वॉन गॉग

साहित्य, लालित्य के बचाव में प्रयत्नशील बने रहने की भी भूमि है।

अशोक वाजपेयी

एक अच्छा चित्र एक अच्छे कर्म के समान है।

विन्सेंट वॉन गॉग

एक चित्र में जिसे रंग कहते हैं, उसे ही जीवन में उत्साह कहते हैं।

विन्सेंट वॉन गॉग

मैं उसी वक़्त ख़ुद को ज़िन्दा पाता हूँ जिस वक़्त मैं चित्र बना रहा होता हूँ।

विन्सेंट वॉन गॉग

हर चीज़ की जड़ चित्र है।

विन्सेंट वॉन गॉग

यदि तुम्हारे भीतर से एक आवाज़ आती है कि तुम चित्र नहीं बना सकते तब किसी भी तरह से तुम्हें चित्र बनाने चाहिए, और फिर वह आवाज़ शांत हो जाएगी।

विन्सेंट वॉन गॉग

नीले को समझने के लिए पहले तुम्हें पीले और नारंगी को समझना होगा।

विन्सेंट वॉन गॉग

जो प्रश्न हमेशा मेरे दिमाग़ में घूमता रहता है, वह यह है: मैं किस चीज़ में बेहतर हूँ। क्या मैं किसी भी तरह से किसी भी काम के लिए उपयोगी नहीं हूँ।

विन्सेंट वॉन गॉग

आधुनिकता एक मूल्य नहीं है, मूल्य के प्रति एक दृष्टि है।

कुँवर नारायण

आधुनिकतावाद भले ही अलग-अलग टुकड़ों और बारीकियों में सफल रहा हो, सारत: वह विफल हो गया।

मंगलेश डबराल

जागृत राष्ट्र में ही विलास और कलाओं का आदर होता है।

जयशंकर प्रसाद

चंद्रमा के प्रकाश द्वारा प्रशंसा किए जाने पर किसी की छाया जीवन से बड़ी हो जाती है।

लियोनार्डो दा विंची

कविता के रंग चित्रकला के प्रकृति-रंग नहीं होते।

राजकमल चौधरी

कोई भी कला सबसे पहले रचनात्मकता का अनुभव है। रचनात्मकता ही एक कला का प्रमुख विषय (content) होता है।

कुँवर नारायण

आँख सपने में किसी चीज़ को जागती कल्पना की तुलना में अधिक स्पष्ट रूप से देखती है।

लियोनार्डो दा विंची

मेरे पास कुछ पैसे थे। मैंने सबसे सुंदर पेंटिंग्स बनाईं। मैं पूर्ण रूप से एकांत प्रिय था। मैंने बहुत काम किया। मैंने बहुत सारा नशा किया। लोगों के लिए मैं भयानक था।

ज्यां मिशेल बस्कवा

स्वभाव ही कला है।

ज़्यां कॉक्त्यू

श्रेष्ठ कलाओं में अंतर्विरोध नहीं होता, विभिन्नताओं का समन्वय और सहअस्तित्व होता है।

कुँवर नारायण

मैं खोज रहा हूँ। मैं कोशिश कर रहा हूँ। मैं पूरे दिल से इसमें हूँ।

विन्सेंट वॉन गॉग

जिसके पास फ़व्वारे तक पहुँचने की कूबत है वह जल के छोटे पात्रों को नहीं ढूँढ़ता।

लियोनार्डो दा विंची

सूप पीने के लिए पैसे दो, एक क़िला बनाओ और फिर उसे आग के हवाले कर दो।

ज्यां मिशेल बस्कवा

किसी भी कला का जीवन अपने में अकेला होते हुए भी संदर्भ-बहुल भी होता है।

कुँवर नारायण

मेरे अधिकांश चित्रों में अश्वेत व्यक्ति नायक है। मैंने महसूस किया कि मैंने कई चित्रों में उन्हें नहीं देखा।

ज्यां मिशेल बस्कवा

इच्छुक होना केवल आधा कार्य है, कार्य का वास्तविक समापन संसार है।

लियोनार्डो दा विंची

जैसे साहस जीवन को ख़तरे में डालता है, वैसे ही भय उसकी रक्षा करता है।

लियोनार्डो दा विंची

एक–खेल, दो–संगीत और तीसरा–हथियार।

ज्यां मिशेल बस्कवा

चित्र बनाते समय मैं कला के बारे में नहीं सोचता। मैं जीवन के बारे में सोचने की कोशिश करता हूँ।

ज्यां मिशेल बस्कवा

कला समीक्षक क्या कहते हैं, मैं नहीं सुनता। मैं ऐसे किसी मनुष्य को भी नहीं जानता जिसे यह समझने के लिए कि कला क्या है, एक कला समीक्षक की आवश्यकता पड़ती हो।

ज्यां मिशेल बस्कवा

किसी भी दिन मुझे परिपक्व कलाकारों के काम से ज़्यादा बच्चों के चित्रों में दिलचस्पी होती है।

ज्यां मिशेल बस्कवा

अगर हममें कुछ भी करने का साहस नहीं होता तो जीवन कैसा होता?

विन्सेंट वॉन गॉग

कभी कभी मैं जब किसी स्त्री पर क्रोधित हो उठता हूँ तब मैं उसके बारे में कोई अद्भुत या कोई भयानक चित्र बनाता हूँ।

ज्यां मिशेल बस्कवा

संस्कृति मानव-चेतना का सार पदार्थ है।

सुमित्रानंदन पंत

कला कैलेंडर की चीज़ नहीं है।

शमशेर बहादुर सिंह

जहाँ आत्मा हाथ से काम नहीं करती, वहाँ कोई कला नहीं है।

लियोनार्डो दा विंची

कला के संदर्भ में मैं संतुलन, निर्मलता और सुंदरता के सपने देखता हूँ।

हेनरी मातीस

कला की आत्मा है सौंदर्यानुभूति।

देवीशंकर अवस्थी

कुछ चीजें स्वाभाविक रूप से इतनी आकर्षक होती हैं कि उनके आगे कुछ और नहीं टिकता। ऐसा माना जाता है कि अपने काम के स्वरूप को लेकर हमारा स्पष्ट नज़रिया होना चाहिए, उस पर मज़बूत पकड़ हो, और सैकड़ों ब्योरे तैयार करके उसे समझना चाहिए। मैं महसूस करता हूँ और मुझे पक्का विश्वास है कि वैन गॉग को भी किसी मोड़ पर ऐसा अहसास जरूर हुआ होगा कि अभी तक कुछ नहीं हुआ है, सब कुछ मुझे ही करना है।

रेनर मारिया रिल्के

जीनियस की प्रशंसा नहीं होती। या तो उसकी निंदा होती है या फिर applause होता है। प्रशंसा (Praise) सदैव ‘मीडियाकर’ की होती है। मसलन यह बहुत अच्छा पढ़ाता है, या उसका स्वभाव बहुत अच्छा है या वह बड़ा सज्जन है। ये सारे शब्द और विशेषण ‘मीडियाकर’ के पर्याय हैं।

देवीशंकर अवस्थी

किन्हीं दिनों में मेरे पास कोई विचार नहीं होता। मुझे लगता है मैं पूरा निचुड़ चुका हूँ। पर यह सिर्फ़ एक मन:स्थिति है।

ज्यां मिशेल बस्कवा

वास्तविक कला कभी अशिव नहीं होती।

देवीशंकर अवस्थी

चित्र ही एकमात्र चीज़ है जिस पर मुझे विशवास है कि यह कितनी संवेदनाओं से भरा हुआ है और इसमें कितनी विषय वस्तु निहित है।

हेनरी मातीस

कला में आप 'बहुत अच्छा' के भीतर ही रहते हैं। और जब तक आप इसके भीतर रहते हैं यह बढ़ता ही रहता है और आपको पार कर आगे निकल जाता है। मुझे लगता है कि सर्वोच्च अन्तर्दृष्टि और सूझ उसे ही हासिल होती है जो अपने काम के भीतर रहता है और वहाँ टिका रहता है, लेकिन जो उनसे दूरी बनाये रखता है वह उन पर अपनी पकड़ नहीं रख पाता।

रेनर मारिया रिल्के

कलात्मक महत्वाकांक्षा घातक होती है—प्रियजनों को संतप्त करती है।

सुरेंद्र वर्मा

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