कला में एशिया की वैचारिक एकरूपता
भावनापरक एवं संकल्पात्मक होने के कारण कला मानव की सांस्कृतिक चेतना को, धर्म और दर्शन की अपेक्षा अधिक समग्रता के साथ व्यक्त करती है। यही कारण है कि एशिया की आंतरिक एकता का जितना प्रत्यक्ष प्रमाण कला में उपलब्ध होता है उतना किसी अन्य साधन से नहीं। यह अवश्य