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सांत्वना पर उद्धरण

समय के दुख, अभाव, पराजय,

दुर्घटना, परिदृश्य को धीरज देती रचनाओं से एक चयन।

प्यार नहीं मिल पाने की हालत में संभोग से ही मनुष्य को सांत्वना मिलती है।

गेब्रियल गार्सिया मार्ख़ेस

…साथी होना तुच्छ होने के लिए हमारी सांत्वना है।

सामंथा हार्वे

इस बात में थोड़ी सांत्वना है कि लाखों लोग हमसे अधिक दुखी हैं। हमें दूसरे लोगों के दुःख से अधिक ख़ुश या अधिक संतुष्ट क्यों होना चाहिए?

अज़र नफ़ीसी