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चाणक्य

प्राचीन भारत के महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रधान सलाहकार और गुरु।

प्राचीन भारत के महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रधान सलाहकार और गुरु।

चाणक्य की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 26

अतिरूपवती होने से सीता का अपहरण किया गया। अतिगर्वी होने से रावण मारा गया। उदारता के कारण बलि का नाश हुआ। अतः ‘अति’ सर्वत्र त्यागनी चाहिए।

जैसा अन्न खाया जाता है, वैसी ही प्रजा होती है। दीपक अँधेरे को खाता है और काजल को उत्पन्न करता है।

धन, जीवन, स्त्री और भोजन के विषय में सब प्राणी अतृप्त होकर गए, जाते हैं और जाएँगे।

मन से विचारे हुए कार्य को वाणी से नहीं कहना चाहिए। मंत्रणा द्वारा गुप्त बात की रक्षा करे। और फिर क्रियात्मक रूप से कर देना चाहिए।

व्यवहार में पक्षपात नहीं करना चाहिए। व्यवहार धर्म से भी महत्वपूर्ण है।

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