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अवसाद पर उद्धरण

अवसाद अपने सामान्य अर्थ

में उदासी, रिक्तता, निराशा, हताशा, ग्लानि, चिंता आदि को प्रकट करता है और इन्हें कविता और कला के लिए उत्प्रेरक लक्षणों की तरह देखा गया है। अपने गंभीर लक्षणों में यह एक मनोविकार है जो स्वयं के प्रति या दुनिया के प्रति हिंसा में भी बदल सकता है। मनोगतता से इसके संबंध के कारण यह हमेशा से कविता का विषय बनता रहा है।

व्यक्ति का मन भी अजीब है कि वह अस्वीकृति या निषेध की ओर ही भागता है।

श्री नरेश मेहता

मुझे किसी को उदास करने का हक़ नहीं, हालाँकि ऐसे हालात में ख़ुश रहना बेईमानी है।

गोरख पांडेय

उदासीनता बहुधा अपराध से भी भयंकर होती है।

प्रेमचंद

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