
युग का धर्म यही है दूसरे को दी गई पीड़ा उलटकर अपने आप पर पड़ती है।

आविष्कार से एक क्षण में इतना विनाश हो जाता है जिसके पुनर्निर्माण में सारा युग लगता है।

नए युग को अत्यंत संक्षेप में बताना हो तो कहेंगे यह युग मानवता का युग है।
युग का धर्म यही है दूसरे को दी गई पीड़ा उलटकर अपने आप पर पड़ती है।
आविष्कार से एक क्षण में इतना विनाश हो जाता है जिसके पुनर्निर्माण में सारा युग लगता है।
नए युग को अत्यंत संक्षेप में बताना हो तो कहेंगे यह युग मानवता का युग है।
हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली
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