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नियम पर उद्धरण

जहाँ कोई क़ानून नहीं होता, वहाँ अंतःकरण होता है।

पब्लिलियस साइरस

क्या निजी भाषा के नियम, नियमों की प्रतिच्छाया हैं?—जिस तुला पर प्रतिच्छाया को तोला जाता है, वह तुला की प्रतिच्छाया नहीं होती।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन

जब देश में कोई विशेष नियम प्रतिष्ठित होता है, तब वह एक ही दिन में नहीं, बल्कि बहुत धीरे-धीरे संपन्न हुआ करता है। उस समय वे लोग पिता नहीं होते, भाई नहीं होते, पति नहीं होते-होते हैं केवल पुरुष। जिन लोगों के संबंध में वे नियम बनाए जाते है, वे भी आत्मीया नहीं होती, बल्कि होती हैं केवल नारियाँ।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय

बुद्धि से धन प्राप्त होता है और मूर्खता दरिद्रता का कारण है—ऐसा कोई नियम नहीं है। संसार चक्र के वृत्तांत को केवल विद्वान पुरुष ही जानते हैं, दूसरे लोग नहीं।

वेदव्यास

लड़कियों को जानने की ज़रूरत है कि वे नियम तोड़ सकती हैं।

ग्लोरिया स्टाइनम

मनुष्य जब एक नियम तोड़ता है तो दूसरे अपने आप टूट जाते हैं।

महात्मा गांधी

जितने बँधे-बँधाए नियम और आचार हैं उनमें धर्म के अटता नहीं।

हजारीप्रसाद द्विवेदी

जैसे भौंरा धीरे-धीरे फूल एवं वृक्ष का रस लेता है, वृक्ष को काटता नहीं और जैसे मनुष्य बछड़े को कष्ट देकर धीरे-धीरे गाय को दुहता है, उसके थनों को कुचल नहीं देता, उसी प्रकार राजा को कोमलता के साथ राष्ट्र रूपी गौ का दोहन करना चाहिए, उसे कुचलना नहीं चाहिए।

वेदव्यास

क़ानून निर्धन को पीसते हैं और धनवान क़ानून पर शासन करते हैं।

ओलिवर गोल्डस्मिथ

जब मैं विदेश में रहता हूँ, तो मेरा यह नियम है कि अपने देश की सरकार की आलोचना या उस पर प्रहार नहीं करता। जब मैं स्वदेश वापस आता हूँ तो खोए समय की कमी पूरी कर लेता हूँ।

विंस्टन चर्चिल

जो संपूर्ण प्राणियों के लिए हितकर और अपने लिए भी सुखद हो, उसे ईश्वरार्पण बुद्धि से करे, संपूर्ण सिद्धियों का यही मूल मंत्र है।

वेदव्यास

नियम और नमूने प्रतिभा कला का नाश करते हैं।

विलियम हेज़लिट

जन्म और मृत्यु का मामला एकदम प्रकृति का नियम है।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय

अनुभव और इतिहास बताता है कि लोगों और सरकारों ने इतिहास से कभी कुछ सीखा और इतिहास से निकले नियमों के अनुसार कार्य किया।

जॉर्ज विल्हेम फ़्रेडरिक हेगेल

कल्पना विश्व पर शासन करती है।

नेपोलियन बोनापार्ट

ईश्वर को नाम की ज़रूरत नहीं। वह और उसके, नियम दोनों एक ही हैं। इसलिए ईश्वरीय नियमों का पालन ही ईश्वर का जप है।

महात्मा गांधी

युवक नियमों को जानता है परंतु वृद्ध मनुष्य अपवादों को जानता है।

ओलिवर वेंडेल होम्स

कृतज्ञता हमसे वह सब कुछ करा लेती है, जो नियम की दृष्टि से त्याज्य है। यह वह चक्की है, जो हमारे सिद्धांतों और नियमों को पीस डालती है।

प्रेमचंद

जीवन ताश के खेल की तरह है। हमने खेल का आविष्कार नहीं किया है और ताश के पत्तों के नमूने ही हमने बनाए हैं। हमने इस खेल के नियम भी ख़ुद नहीं बनाए और हम ताश के पत्तों के बँटवारे पर ही नियंत्रण रख सकते हैं। पत्ते हमें बाँट दिए जाते हैं, चाहे वे अच्छे हों या बुरे। इस सीमा तक नियतिवाद का शासन है। परंतु हम खेल को बढ़िया ढंग से या ख़राब ढंग से खेल सकते हैं। हो सकता हे कि कुशल खिलाड़ी के पास ख़राब पत्ते आए हों और फिर भी वह खेल में जीत जाए। यह भी संभव है कि किसी ख़राब खिलाड़ी के पास अच्छे पत्ते आए हों और फिर भी वह खेल का नाश करके रख दे। हमारा जीवन परवशता और स्वतंत्रता, दैवयोग और चुनाव का मिश्रण है।

सर्वेपल्लि राधाकृष्णन

गृहस्थों को समाज के नियमों का अनुगमन करना ही पड़ता है।

बाणभट्ट

या एक अन्य क़ानून जो प्रदर्शित नहीं किया गया है और जिसे हमने अभी तक सोचा भी नहीं है, जो यह कहता है कि आप एक ही स्थान में दो बार अस्तित्व में नहीं हो सकते?

ओल्गा तोकार्चुक

यही स्वर्णिम नियम है कि स्वर्णिम नियम होते ही नहीं हैं।

जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

नियम में स्थिर रहकर मर जाना अच्छा है, कि नियम से फिसल कर जीवन धारण करना।

अश्वघोष

बुलाने पर मैं कभी पीछे नहीं हटूँगा। यह मेरा सदा का नियम है।

वेदव्यास