
स्त्रियों को सरकार के विचार-विमर्श में बिना किसी प्रत्यक्ष हिस्सेदारी के मनमाने ढंग से शासित किए जाने के बजाय उनके प्रतिनिधि सरकार में होने चाहिए।

समस्त अत्याचारी सरकारें एक दूसरे का उपकार करने के लिए सदा तैयार रहती ही हैं।

किसी सरकार या पार्टी को वे लोग मिलते हैं, जिनके वे हक़दार होते हैं और जल्द या बाद में लोगों को वह सरकार मिलती है, जिसके वे हक़दार होते हैं।

भविष्य परमेश्वर के हाथ में है, सरकार के हाथ में नहीं है।

जो सरकार अपने क़ानून तोड़ देती है, वह आपको भी आसानी से तोड़ सकती है।

जब मैं विदेश में रहता हूँ, तो मेरा यह नियम है कि अपने देश की सरकार की आलोचना या उस पर प्रहार नहीं करता। जब मैं स्वदेश वापस आता हूँ तो खोए समय की कमी पूरी कर लेता हूँ।

जनता ग़रीबी से उबरने का रास्ता पूछती है, सरकार उसके हाथ में 'निरोध' का पैकेट थमा देती है।
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प्राण लेने का अधिकार तो ईश्वर को है। सरकार की तोप बंदूक़ें हमारा कुछ नहीं कर सकतीं।

निस्संदेह सशक्त सरकार और राजभक्त जनता से उत्कृष्ट राज्य का निर्माण होता है। परंतु बहरी सरकार और गूँगे लोगों से लोकतंत्र का निर्माण नहीं होता।


जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता की सरकार।

शराब पीने वाले का, पिलाने वाली सरकार का हमें बहिष्कार करना चाहिए।

शराबियों की सरकार शराबबंदी नहीं करेगी। उसे अपनी आमदनी की चिंता है। शराब तो हमें ही बंद करनी होगी। इसके लिए शराब पीने वालों का बहिष्कार कीजिए।

उपाय अंततः वही अधिक सार्थक होगा जिसमें सरकारी प्रशासन से आत्मानुशासन के मूल्य पर अधिक बल हो।
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