लाला हरदयाल की संपूर्ण रचनाएँ
उद्धरण 10

जो महापुरुष यह देखता है कि प्रत्येक व्यक्ति में, चाहे वह कितना ही ग़रीब या जंगली क्यों न हो—सर्वोच्च नैतिक विकास की क्षमता है, वही महापुरुष समाज का उद्धारक होता है। वह मानव स्वभाव के सार को जानता है। वह उन लोगों में शक्ति भर देता है जो प्रत्यक्षतः कमज़ोर हैं। वह पृथ्वी के कूड़ा करकट से वीर उत्पन्न कर देता है।