संवाद पर कविताएँ

भादों की संध्या का जब

कृष्ण मुरारी पहारिया

अपना अहंकार तुम गाते रहे रात भर

कृष्ण मुरारी पहारिया

आंबेडकर

बी. गोपाल रेड्डी

सन्नाटा

जगन्नाथ प्रसाद दास

बातों का प्रेम

पूनम सोनछात्रा

शील ही है मूल द्रव्य

ज्ञानेंद्रपति

संवाद

मोना गुलाटी

चुप्पी और संवाद

रुचि बहुगुणा उनियाल

बैठ गई

प्रमोद बेड़िया

प्रतीक

मोना गुलाटी

थोड़ा कहूँ बहुत समझना

मौलश्री कुलकर्णी

बातचीत

विजय कुमार

प्रगति

प्रभात प्रणीत

संवाद

विजय बहादुर सिंह

कहना

वसु गंधर्व

गोलमेज़ सम्मेलन

देवेश पथ सारिया

बातचीत

अनुराधा ओस

संवाद

सौरभ मिश्र

जन्म-तिथि

विजय बहादुर सिंह

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