जो बौद्धिक स्तर पर
तुम्हारे बराबर नहीं हैं
उनके समक्ष वार्तालाप करना
गंदे आँगन में
अमृत बहाने के बराबर है
दोषरहित शब्दों को
जो प्रयोग नहीं करना जानते
वे कई शब्दों को
एक साथ प्रयोग करते हैं
जो बौद्धिक स्तर पर
तुम्हारे बराबर नहीं हैं
उनके समक्ष वार्तालाप करना
गंदे आँगन में
अमृत बहाने के बराबर है
दोषरहित शब्दों को
जो प्रयोग नहीं करना जानते
वे कई शब्दों को
एक साथ प्रयोग करते हैं