
हमारे पूर्वजों ने अधिकारों के लिए संघर्ष किया, आज की पीढ़ी को कर्तव्य के लिए संघर्ष करना है।

प्रत्येक पीढ़ी को अपने मिशन की खोज करनी चाहिए, उसे सापेक्ष अस्पष्टता में पूरा करना चाहिए या उसे धोखा देना चाहिए।

प्रत्येक पीढ़ी पुराने फ़ैशन पर हँसती है, लेकिन नए फ़ैशन की पूजा परम धार्मिक भाव से करती है।

जैसे-जैसे हम ज्ञान पाते हैं, हम अपने पिताओं को मूर्ख समझते हैं। निस्संदेह हमारे अधिक बुद्धिमान पुत्र हमें भी ऐसा ही समझेंगे।

हमारी पीढ़ी ऐसे समय में और ऐसे देश में पैदा हुई है जब कि प्रत्येक उदार एवं सच्चे हृदय के लिए यह बात आवश्यक हो गई है कि वह अपने लिए उस मार्ग को चुने, जो आहों, सिसकियों और जुदाई के बीच में गुज़रता है। यही मार्ग कर्म का मार्ग है।

महानता के लिए अपनी प्रतिद्वंद्विता के द्वारा संपूर्ण युग को विभक्त कर देने वाले प्रतिद्वंद्वियों के बीच की बातों को ठीक कर देना भावी पीढ़ियों का ही विशेष अधिकार है।
