सन्नाटा पर उद्धरण
सन्नाटा का अर्थ है—स्तब्धता,
ख़ामोशी, मौन। यह निर्जनता और एकांत का भी अर्थ देता है। रूपक में सन्नाटा चीख़ का विलोम भी हो सकता है, चीख़ का प्रतिरोध और पर्याय भी। प्रस्तुत चयन में शामिल कविताओं में सन्नाटे की आवाज़ को बख़ूबी सुना जा सकता है।

शांति और मौन का अर्थ है—शोर का अभाव, यानी वास्तव में एक बेचैन करने वाली शांति।

संतोष की भाषा धीमी होती है, क्योंकि वह शब्दों और मौन दोनों में व्यक्त होती है।

शांत रहें : संयम में असमर्थ कोई भी व्यक्ति कभी लेखक नहीं बना।

मौन निकटता की भावना लाता है। जैसे ही बात खुलती है, तीसरी उपस्थिति की मानो चेतावनी आती है।

पेंटिंग विचार का मौन और दृष्टि का संगीत है।

शांति और मौन का अर्थ है—शोर का अभाव, यानी वास्तव में एक बेचैन करने वाली शांति।

मैं अब नहीं मानती कि हम चुप रह सकते हैं। हम वास्तव में ऐसा कभी नहीं करते, ध्यान रहे।

जो समझता है कि वह मौन है। उसे कुछ बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

…मौन ऐसा होता है जिसे आप वास्तव में सुन सकते हैं।

मैं वर्तमान में एकांतवासी हूँ और कुछ नहीं करती, सिवाय लिखने और पढ़ने और पढ़ने और लिखने के।

संतोष की भाषा धीमी होती है, क्योंकि वह शब्दों और मौन दोनों में व्यक्त होती है।

मैं नहीं मानता कि ख़ुशी संभव है, लेकिन मुझे लगता है कि शांति संभव है।

न बोलने से भी राहत मिलती है और मौन से भी बचा सकता है। बेशक, चेहरे की रेखाओं में इसे न दिखने देकर ख़ामोशी को पूरी तरह ख़ामोश नहीं रखा जा सकता।

दुख भूलना कठिन है, लेकिन उससे कठिन है मिठास याद रखना। सुख जताने का कोई ज़ख़्मी चिह्न नहीं हमारे पास। हम शांति से बहुत कम सीखते हैं।

अगर मन कोलाहल है, तो अवचेतन मौन रंगमंच है।

मौन से समृद्ध कुछ नहीं है। मौन में समस्त कोलाहल मोक्ष पा जाते हैं।

घर नीरव था और दुनिया शांत थी। पाठक पुस्तक बन गया था।

मैं उस बर्बादी के बारे में सोचकर परेशान हो जाती हूँ जो तब होती है, जब एक दूसरे से प्यार करने वाले लोग आपस में बात तक नहीं कर पाते हैं।

तूफ़ानों में भी एक किस्म की शांति उपस्थित है।

आप जितना चाहें उतना चुप रह सकते हैं, लेकिन किसी दिन कोई आपको ढूँढ़ निकालेगा।

पीते वक़्त ख़्वाहिश होती है अच्छा संगीत सुनूँ, और संगीत के इर्द-गिर्द ख़ामोशी हो।


बुढ़ापे में ख़ामोशी किसी-किसी को ही नसीब होती है।
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सुंदर दृष्टि मौन को वाचाल बना देती है। कृपालु दृष्टि विरोध को सहमति बना देती है। क्रुद्ध दृष्टि सौंदर्य को विकृत बना देती है।

जिन जवाबों की हमें तलाश थी, उन्हें हम अक्सर अपनी चुप्पियों में पाते हैं।