Font by Mehr Nastaliq Web

आवाज़ पर कविताएँ

वाणी, ध्वनि, बोल, पुकार,

आह्वान, प्रतिरोध, अभिव्यक्ति, माँग, शोर... अपने तमाम आशयों में आवाज़ उस मूल तत्त्व की ओर ले जाती है जो कविता की ज़मीन है और उसका उत्स भी।

मेरे भीतर की कोयल

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

सब कुछ कह लेने के बाद

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

चौराहा

राजेंद्र धोड़पकर

कोरस गायिका

आशुतोष दुबे

मरना

उदय प्रकाश

मातृभूमि

सोहनलाल द्विवेदी

जड़ें

राजेंद्र धोड़पकर

समय

आशीष त्रिपाठी

जाल, मछलियाँ और औरतें

अच्युतानंद मिश्र

सतर्कता

यानिस रित्सोस

काव्‍य-मर्यादा

नवीन रांगियाल

पहुँचने के लिए

रामकुमार तिवारी

गूँगापन

बेला अख़्मादूलीना

अलविदा

विजय देव नारायण साही

गूँगापन

बेला अख़्मादूलीना

आवाज़ें

युआन गेलमान

नकबा, 1948’

आमिर हमज़ा

आवाज़ तेरी है

राजेंद्र यादव

प्रतिध्वनि

अलेक्सांद्र पूश्किन

बिना संगीत

पॉल इल्यार

गूँगा बच्चा

फेदेरीको गार्सिया लोर्का

अगर मेरी आवाज़

रफ़ाइल अलबर्ती

आवाज़ें

सी. पी. कवाफ़ी

आवाजें

सी. पी. कवाफ़ी

पूरी रात

केशव तिवारी

ज्ञ

प्रकाश

शेष सत्य

सुमेर सिंह राठौड़

सुनना

प्रदीप अवस्थी

कविता में उगी दूब

दिलीप शाक्य

सौरभ अनंत

बसंत की देह

ज्याेति शोभा

पृथ्वी पर

आदित्य शुक्ल

पुल पर आदमी

कुमार विकल

बे-आवाज़

वीरू सोनकर

हम्म्म

नाज़िश अंसारी