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आवाज़ पर कड़वक

वाणी, ध्वनि, बोल, पुकार,

आह्वान, प्रतिरोध, अभिव्यक्ति, माँग, शोर... अपने तमाम आशयों में आवाज़ उस मूल तत्त्व की ओर ले जाती है जो कविता की ज़मीन है और उसका उत्स भी।

नखशिख (पाँच)

मलिक मोहम्मद जायसी

नखशिख (सात)

मलिक मोहम्मद जायसी

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