Font by Mehr Nastaliq Web

सन्नाटा पर गीत

सन्नाटा का अर्थ है—स्तब्धता,

ख़ामोशी, मौन। यह निर्जनता और एकांत का भी अर्थ देता है। रूपक में सन्नाटा चीख़ का विलोम भी हो सकता है, चीख़ का प्रतिरोध और पर्याय भी। प्रस्तुत चयन में शामिल कविताओं में सन्नाटे की आवाज़ को बख़ूबी सुना जा सकता है।

जी सकूँ चुपचाप

शंभुनाथ सिंह

अव्यवस्थित

जयशंकर प्रसाद

चरण गहे थे मौन रहे थे

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

एक ख़ामोशी हमारे बीच है

विनोद श्रीवास्तव

संबंधित विषय

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए