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संतुष्टि पर उद्धरण

संतोष की भाषा धीमी होती है, क्योंकि वह शब्दों और मौन दोनों में व्यक्त होती है।

रघुवीर चौधरी

त्यागने की संतुष्टि और अनुभव की संतुष्टि में बहुत बड़ा अंतर है।

रघुवीर चौधरी

प्रेम एक पर्याप्त ‘यौन-संतुष्टि का परिणाम’ क़तई नहीं है। उल्टे यौन-सुख—और तथाकथित यौन-तकनीकों का ज्ञान भी—‘प्रेम का परिणाम’ होता है।

एरिक फ़्रॉम

अपने हाथ से अपने आदमियों की सेवा और यत्न करने में कितनी तृप्ति होती है, कितना आनंद मिलता है, यह स्त्री जाति के सिवा और कोई नहीं समझ सकता।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय

…यही लिखने की संतुष्टि है कि कोई इतने सारे लोगों की नक़ल कर सकता है।

कैथरीन मैंसफ़ील्ड

सत्कारपूर्वक स्वीकार किया गया सत्कार ही संतोष उत्पन्न करता है।

भास

यश तो अहं की तृप्ति है।

रांगेय राघव

मुझे लोभ रूपी सर्प ने डस लिया है और स्वार्थ रूपी संपत्ति से मेरे पैर भारी हो गए हैं। आशा रूपी तरंगों ने मेरे शरीर को तपा डाला है। और गुरुकृपा से संतोषरूपी वायु शीतलता प्रदान कर रहा है। मुझे विषयरूप नीम मीठा लगता है और भजनरूपी मधुर गुड़ कड़वा लग रहा है।

संत एकनाथ

अपना नाम छपा हुआ देखना निश्चित ही सुखद होता है। पुस्तक तो पुस्तक ही है भले ही उसमें कुछ हो।

लॉर्ड बायरन