
एक साधारण बेटी के संग यदा-कदा पहचान को बदल देने से बेटे का निर्माण नहीं हो जाता।

एक पदच्युत राष्ट्रपति का एकमात्र पहचान-पत्र उसका मृत्यु प्रमाण-पत्र होना चाहिए।

सत्य अक्षुण्ण है, अतएव यह ख़ुद की पहचान नहीं कर सकता। जो भी इसे पहचानने का दावा करता है, उसे असत्य होना होगा।

जलती हुई आग से सुवर्ण की पहचान होती है, सदाचार से सत्य पुरुष की, व्यवहार से श्रेष्ठ पुरुष की, भय प्राप्त पर शूर की, आर्थिक कठिनाई में धीर की और कठिन आपत्ति में शत्रु एवं मित्र की परीक्षा होती है।

जिस चिह्न से जो देश युक्त होता है और जिससे जिसकी पहचान होती है, विद्वानों का कहना है कि उस देश का वही नाम रखना चाहिए।

धर्मवस्तु को एक दिन हम लोगों ने जैसे दल बाँधकर मतलब गाँठकर पकड़ना चाहा था, वैसे उसे नहीं पकड़ा जा सकता। ख़ुद पकड़ाई दिए बग़ैर शायद उसे पाया ही नहीं जा सकता। परम दुःख की मूर्ति के रूप में जब वह मनु्ष्य की चरम वेदना की धरती पर पैर रखकर अकेला आ खड़ा हो, तब तो उसे पहचान ही लेना चाहिए। ज़रा भी भूल-भ्राँति उससे सही नहीं जाती, ज़रा में मुँह फेरकर लौट जाता है।

स्वयं को दूसरों में पहचानो।

आप किसी सुअर को हमेशा उसकी घुरघुराहट से पहचान सकते हैं।

पेट में जब तक दीनता के पिल्ले कूँ-कूँ करते रहेंगे, मनुष्य को अपनी पहचान अपने आप न होगी, वह किसी ऊँची बात का अर्थ नहीं समझ सकता।