
स्त्रियों को बचपन से ही सिखाया जाता है कि सुंदरता उनका छत्र है, इसलिए मन शरीर को आकार देता है और अपने चमकदार पिंजरे में घूमते हुए केवल अपनी जेल को सजाना चाहता है।

जो लोग जेल में बंद हैं, वे खुली हवा का महत्व उनके जेलरों से बेहतर जानते हैं।

कोई कुर्सी भी किसी छोटी, सीमित जगह की तरह जेल ही होती है।

मुझे कलंक कालिमा के कारागार में बंद कर मर्म वाक्य के धुएँ से दम घोंटकर मार डालने की आशा न करो। आज मेरी असहायता मुझे अमृत पिला कर मेरा निर्लज्ज जीवन बढ़ाने के लिए तत्पर है।