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क्षमा पर उद्धरण

ग़लतियाँ हमेशा माफ़ की जा सकती हैं, अगर किसी में उन्हें स्वीकार करने का साहस हो।

ब्रूस ली

जो स्वयं को क्षमा नहीं कर सकता वह कितना दुःखी व्यक्ति है!

पब्लिलियस साइरस

हम पागल नहीं हैं। हम इंसान हैं। हम प्यार करना चाहते हैं, और प्यार करने के लिए हम जो रास्ते अपनाते हैं; उसके लिए औरों द्वारा हमें माफ़ कर देना चाहिए, क्योंकि कई रास्ते हैं और अँधियारे हैं, और हम अपनी यात्रा में उत्साही और क्रूर हैं।

लियोनार्ड कोहेन

यज्ञ, अध्ययन, दान, तप, सत्य, क्षमा, दया और निर्लोभता—ये धर्म के आठ प्रकार के मार्ग बताए गए हैं। इनमें से पहले चारों का तो कोई दंभ के लिए भी सेवन कर सकता है, परंतु अंतिम चार तो जो महात्मा नहीं है, उनमें रह ही नहीं सकते।

वेदव्यास

दया और क्षमा भी मानव के धर्म हैं, तो शक्तिवान होना और उपयुक्त समय पर देश और धर्म की रक्षा के लिए शक्ति का प्रयोग करना भी धर्म है।

हरिकृष्ण प्रेमी

हर कोई सोचता है कि क्षमा करना महान विचार है, जब तक कि उसके पास क्षमा करने के लिए कुछ हो।

सी. एस. लुईस

यहाँ ऐसे कुछ लोग हैं जो आपके किए को माफ़ कर देते हैं, और कुछ ऐसे हैं जो इसकी परवाह भी नहीं करते हैं।

लियोनार्ड कोहेन

कोई माफ़ी नहीं मिलेगी। कम से कम मेरे लिए तो नहीं।

हान कांग

ईसाई होने का मतलब अक्षम्य को क्षमा कईसाई होने का मतलब अक्षम्य को क्षमा करना है, क्योंकि भगवान ने आपमें अक्षम्य को क्षमा कर दिया है।

सी. एस. लुईस

जब कोई श्रेष्ठता का दावा करता है और वह मानक से नीचे गिर जाता है तो उसे कोई माफ़ी नहीं मिलती।

फ्रांत्ज़ फ़ैनन

हत्यारों को क्षमा करके दया हत्या ही करती है।

विलियम शेक्सपियर

लोगों को दूसरों के सही होने की तुलना में ग़लत होने पर क्षमा करना कहीं अधिक आसान लगता है।

जे. के. रोलिंग

वह सबको शरण देने वाला है, दाता और सहायक है। अपराधों को क्षमा करने वाला है, जीविका देने वाला है और चित्त को प्रसन्न करने वाला है।

गुरु गोविंद सिंह

यदि तो तुम्हें शत्रु हानि पहुँचा सकते हैं और प्रिय मित्र, यदि सभी मनुष्यों का तुम्हारी दृष्टि में महत्त्व है परंतु किसी का भी अधिक नहीं, यदि तुम क्षमा रहित मिनट के साठ सेकंडों को भली प्रकार चली दूर के अनुरूप भर सकते हो, तो यह पृथ्वी और इसकी प्रत्येक वस्तु तुम्हारी ही है और मेरे पुत्र! इससे भी बड़ी यह है कि तब तुम सच्चे मनुष्य बन जाओगे।

रॉबर्ट फ्रॉस्ट

क्षत्रियों का बल तेज है और ब्राह्मणों का बल क्षमा है।

वेदव्यास

दुष्ट पुरुषों का बल है हिंसा। राजाओं का बल है दंड देना। स्त्रियों का बल है सेवा और गुणवानों का बल है क्षमा।

वेदव्यास

भूल करना मानवीय है, क्षमा करना दैवी है।

अलेक्ज़ेंडर पोप

राजा न्याय कर सकता है, परंतु ब्राह्मण क्षमा कर सकता है।

जयशंकर प्रसाद

नियति तो क्षमा नहीं करती, उसका विधान तो दंड है।

लक्ष्मीनारायण मिश्र

कोई भी क्यों हो, जिसका कार्य-कारण हमें नहीं मालूम, उसे अगर हम क्षमा भी कर सकें, तो उसका विचार करके कम-से-कम उसे अपराधी तो नहीं ठहरावें।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय