
हम सभी को भुगतना पड़ा, लेकिन उन अपराधों के लिए नहीं जिनके लिए हम पर आरोप लगाए गए थे। अन्य हिसाब भी चुकता करने थे।

क्षमाशील पुरुषों में एक ही दोष का आरोप होता है। दूसरे की तो संभावना ही नहीं है। दोष यह है कि क्षमाशील को लोग असमर्थ समझ लेते हैं किंतु क्षमाशील का वह दोष नहीं मानना चाहिए क्योंकि क्षमा में बड़ा बल है।
