जिसकी भुजाओं में दम न हो, उसके मस्तिष्क में तो कुछ होना ही चाहिए।
वीरता जब भागती है, तब उसके पैरों से राजनीतिक छल-छद्म की धूल उड़ती है।
जीते जी मर जाने को यह मतलब नहीं कि आप कोई हरकत ही न करें या किसी भी हरकत पर हैरान या परेशान न हों।
कायर पिता संतान को अच्छे नहीं लगते।