Font by Mehr Nastaliq Web

कायर पर उद्धरण

जिसकी भुजाओं में दम हो, उसके मस्तिष्क में तो कुछ होना ही चाहिए।

जयशंकर प्रसाद

अकेला एक कायर सबको मार सकता है।

नवीन सागर

कायर को सबसे बड़ा डर यहीं होता है कि कहीं कोई उसे कायर कह दें। जो जितना बड़ा कायर होता है, उतना ही व्यापक होता है उसका अपराध-बोध। उतनी ही भयंकर होती है उसकी वेदना और शर्मनाक उसकी कायरता।

मृदुला गर्ग

कायर होना एक बात है, कायर होने को स्वीकार करना दूसरी।

मृदुला गर्ग

डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूँगा हो जाता है।

प्रेमचंद

अपमान को निगल जाना चरित्र-पतन की अंतिम सीमा है।

प्रेमचंद

वीरता जब भागती है, तब उसके पैरों से राजनीतिक छल-छद्म की धूल उड़ती है।

जयशंकर प्रसाद

वीरता… बर्बरों की भाषा है।

धूमिल

जीते जी मर जाने को यह मतलब नहीं कि आप कोई हरकत ही करें या किसी भी हरकत पर हैरान या परेशान हों।

कृष्ण बलदेव वैद

कायर पिता संतान को अच्छे नहीं लगते।

स्वदेश दीपक

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए