Font by Mehr Nastaliq Web
Mridula Garg's Photo'

मृदुला गर्ग

1938 | कोलकाता, पश्चिम बंगाल

समादृत कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

मृदुला गर्ग की संपूर्ण रचनाएँ

कविता 1

 

उद्धरण 20

दिन का अंधकार ख़तरनाक होता है। रात का अँधेरा नींद लाता है, दिन का अँधेरा ख़्वाब।

  • शेयर

असल बात प्यार करना है, प्यार पाना नहीं।

  • शेयर

अच्छा काम है लघु उद्योग चलाना। सामाजिक अपराध-बोध से आदमी बचा रहता है। लघु शब्द बड़ा करामाती है। बड़े उद्योग चलाओगे तो शोषक कहलाओगे, लघु उद्योग चलाओगे तो देश सेवक।

  • शेयर

उम्र सिर्फ़ शरीर की बढ़ती है, मन की नहीं।

  • शेयर

प्रेम परोपकार नहीं होता। जो प्रेमी बलिदान चाहे, वह प्रेमी नहीं होता। बलिदान के बाद प्रेम, प्रेम नहीं रहता, परोपकार बन जाता है। आदर्श नहीं, घमंडी और बनावटी परोपकार।

  • शेयर

पुस्तकें 2

 

Recitation