
आरोप ग़लत हो या सही, पर गुमनाम शिकायत करना एक कायरतापूर्ण कार्य है।

यदि गांधीवाद ग़लत बात के लिए है तो इसे नष्ट हो जाने दो। सत्य और अहिंसा तो कभी नष्ट नहीं होगे। परंतु यदि गांधीवाद मतांधता का दूसरा नाम है, तो यह नष्ट कर देने योग्य ही है।

यह कितनी ग़लत बात है कि हम मैले रहें और दूसरों को साफ़ रहने की सलाह दें।

असत्य और बुराई के साथ तो कभी समझौता नहीं करना चाहिए।

अगर मूल चीज़ असत्य है और उसके आग्रह में जबर्दस्ती की जाती है तो उसको छोड़ना अच्छा होगा।

अगर आपने ग़लत इंसान को छोड़ा नहीं तो सही इंसान कभी नहीं मिलेगा।