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साफ़ पर उद्धरण

हमारा काम तभी अंतरात्मा से प्रेरित हो सकता है जब अपने-आप में वह स्वच्छ हो, उसका हेतु स्वच्छ हो और उसका परिणाम भी स्वच्छ हो।

महात्मा गांधी

स्वच्छ क्रांति तो प्रेम न्याय के सिद्धांत से ही हो सकती है।

राल्फ़ वाल्डो इमर्सन

मनुष्य को चाहिए कि वह ईर्ष्यारहित, स्त्रियों का रक्षक, संपत्ति का न्यायपूर्वक विभाग करने वाला, प्रियवादी, स्वच्छ तथा स्त्रियों के निकट मीठे वचन बोलने वाला हो, परंतु उनके वश में कभी हो।

वेदव्यास

यह कितनी ग़लत बात है कि हम मैले रहें और दूसरों को साफ़ रहने की सलाह दें।

महात्मा गांधी

ग़लती स्वीकार करना झाड़ू के समान है, जो गंदगी को हटाकर सतह को साफ़ कर देती है।

महात्मा गांधी

ईंट-चूने की चुनाई पहले हृदय-मंदिर की चुनाई बहुत ज़रूरी है अगर यह हो जाए तो और सब तो हुआ ही है।

महात्मा गांधी
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