
पवित्रता की माप है मलिनता, सुख का आलोचक है दुःख, पुण्य की कसौटी है पाप।

परंतु जब से मुझे मालूम हुआ है कि लोगों में सत्य है, और जीवन की गंदगी और बुराई के लिए बहुसंख्या दोषी नहीं है, तब से मेरा हृदय कोमल बन गया है। मेरे दिल में लोगों के लिए एक दर्द आ गया है।

यह कितनी ग़लत बात है कि हम मैले रहें और दूसरों को साफ़ रहने की सलाह दें।

ग़लती स्वीकार करना झाड़ू के समान है, जो गंदगी को हटाकर सतह को साफ़ कर देती है।

गुपचुप मंद गति से गंदे नाले के प्रवाह की तरह यहाँ का जीवन बह रहा था।