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चयन पर उद्धरण

संग्रहणीय वस्तु हाथ आते ही उसका उपयोग जानना, उसका प्रकृत परिचय प्राप्त करना, और जीवन के साथ-ही-साथ जीवन का आश्रयस्थल बनाते जाना—यही है रीतिमय शिक्षा।

रवींद्रनाथ टैगोर

केवल किसी स्त्री के पास ही यह चुनने की शक्ति है कि अर्पण करना है या नहीं।

अमोस ओज़

अपव्यय और कष्ट जितना ही अधिक प्रयोजनहीन होता है; संचय और परिणामहीन, जय-लाभ का गौरव उतना ही अधिक जान पड़ता है।

रवींद्रनाथ टैगोर

…चुनाव इस जीवन को जागते हुए या एक प्रकार की जड़ता में बिताने के बीच है।

अमोस ओज़

परिचय का अर्थ यही है कि जो चीज़ छोड़ने की है उसे छोड़कर, जो चीज़ लेने की है उसे ले लिया जाए।

रवींद्रनाथ टैगोर

…क्या वह चयन करती है?

केट शोपैं

अस्तेय और अपरिग्रह में बहुत थोड़ा भेद है। जिसकी हमें आज आवश्यकता नहीं है, उसे भविष्य की चिंता से संग्रहकर रखना परिग्रह है।

महात्मा गांधी

सत्य और स्वयं में जो चुनता है, वह सत्य को भी पा लेता है और स्वयं को भी। और जो स्वयं को चुनता है, वह दोनों को खो देता है।

ओशो

मैं जिस वस्तु को छोड़ता और उसके बदल में जिसे लेता, उसमें से बिलकुल ही नए और अधिक रसों का निर्माण हो जाता।

महात्मा गांधी

अगर आपने ग़लत इंसान को छोड़ा नहीं तो सही इंसान कभी नहीं मिलेगा।

साइमन गिलहम

मैंने वही अवसर चुने जहाँ मेरी कलात्मक स्वतंत्रता सुरक्षित रहे। इस तथ्य को जानते हुए भी कि फ़िल्म उद्योग लाभोन्मुख है और सिद्धाँतों के ऊपर कलेक्शन को महत्व देता है और निश्चित सिद्धाँतों के प्रति सहनशक्ति भी कम रखता है।

अमोल पालेकर

जो आपके काम का नहीं है, उसे हटाएँगे तभी नए और बेहतर अनुभवों के लिए जगह बनेगी।

साइमन गिलहम

वस्तु को अपनाना और वस्तु को छोड़ देना, दोनों में ही सत्य है। ये दोनों सत्य एक-दूसरे पर निर्भर हैं, और दोनों को यथार्थ रूप से मिलाकर ही पूर्णता-लाभ संभव है।

रवींद्रनाथ टैगोर

अकेला महसूस कराने वाले लोगों के साथ होने से अच्छा है अकेला होना और ख़ुश रहना।

साइमन गिलहम

तुम जो चुनते हो, तुम वही बन जाते हो।

एंथनी हॉपकिंस

आप जो कुछ भी अपनाते हैं, उसी के आधार पर आपके जीवन का अर्थ तय होता है। अगर आपको लगता है कि ज़िंदगी बेकार है तो इसके लिए ज़िम्मेदार भी, आप और केवल आप ही हैं।

साइमन गिलहम

जो चीज़ें अनुपयोगी 'व्यस्तता' में योगदान देती हैं, उन्हें हटा दें।

अशदीन डॉक्टर

यदि कोई आपके साथ बुरा व्यवहार कर रहा है या आपके लिए समस्याएँ पैदा कर रहा है, तो आप इसका विरोध करने का चयन कर सकते हैं, या आप कुछ भी करने का चयन कर सकते हैं।कट्टर स्वामित्व के साथ, हमेशा चयन का अधिकार आपको ही होता है।

अशदीन डॉक्टर

एक दिन के प्रयोजन से अधिक जो संचय नहीं करता; हमारी प्राचीन संहिताओं में उस द्विज-गृहस्थ की प्रशंसा की गई है, क्योंकि एक बार हमने संचय करना प्रारंभ किया नहीं कि फिर हम धीरे-धीरे संचय करने की मशीन हो जाते हैं, तब हमारा संचय प्रयोजन को ही बहुत दूर छोड़कर आगे चला जाता है। फिर प्रयोजन को ही वंचित और पीड़ित करता रहता है।

रवींद्रनाथ टैगोर