
केवल किसी स्त्री के पास ही यह चुनने की शक्ति है कि अर्पण करना है या नहीं।

…चुनाव इस जीवन को जागते हुए या एक प्रकार की जड़ता में बिताने के बीच है।


सत्य और स्वयं में जो चुनता है, वह सत्य को भी पा लेता है और स्वयं को भी। और जो स्वयं को चुनता है, वह दोनों को खो देता है।

मैंने वही अवसर चुने जहाँ मेरी कलात्मक स्वतंत्रता सुरक्षित रहे। इस तथ्य को जानते हुए भी कि फ़िल्म उद्योग लाभोन्मुख है और सिद्धाँतों के ऊपर कलेक्शन को महत्व देता है और निश्चित सिद्धाँतों के प्रति सहनशक्ति भी कम रखता है।

तुम जो चुनते हो, तुम वही बन जाते हो।
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यदि कोई आपके साथ बुरा व्यवहार कर रहा है या आपके लिए समस्याएँ पैदा कर रहा है, तो आप इसका विरोध करने का चयन कर सकते हैं, या आप कुछ भी न करने का चयन कर सकते हैं।कट्टर स्वामित्व के साथ, हमेशा चयन का अधिकार आपको ही होता है।

जो चीज़ें अनुपयोगी 'व्यस्तता' में योगदान देती हैं, उन्हें हटा दें।