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विवाह पर कविताएँ

स्त्री-पुरुष युगल को

दांपत्य सूत्र में बाँधने की विधि को विवाह कहा जाता है। यह सामाजिक, धार्मिक और वैधानिक—तीनों ही शर्तों की पूर्ति की इच्छा रखता है। हिंदू धर्म में इसे सोलह संस्कारों में से एक माना गया है। इस चयन में विवाह को विषय या प्रसंग के रूप में इस्तेमाल करती कविताओं को शामिल किया गया है।

पति-पत्नी

निखिल आनंद गिरि

शादी

बेबी शॉ

बेटी का स्कूल

निखिल आनंद गिरि

चिंतन एक कुमारी का

मिखाइल इसाकोव्स्की

शादी के बाद

शुभम श्री

ब्याह

वास्को पोपा

शादी के कार्ड

अविनाश मिश्र

शरद सगाई

अखिलेश सिंह

जोड़ियाँ

बच्चा लाल 'उन्मेष'

वह नहीं रही

सौरभ मिश्र

वधू

चिरंजीवि

शादी-कार्ड

आयुष झा

रूठना

मिथिलेश कुमार राय

तलाक़

निशांत

डोली

महेश चंद्र पुनेठा

सूरज जी का ब्याह

श्रद्धा आढ़ा

विवाह

नंद चतुर्वेदी

दुलहिन

कॉडालि आंजनेयुलु

जीवन-साथी

पूनम सोनछात्रा

3 मई 1986 के लिए

नेमिचंद्र जैन

कुँआरी लड़कियाँ

सत्येंद्र कुमार रघुवंशी

चाहत

संजीव कौशल

अभी-अभी ब्याह

मंगेश पाडगाँवकर

इनार का विवाह

प्रमोद कुमार तिवारी

शादी

नरेश अग्रवाल