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समझता पर उद्धरण

मनुष्य जितना समझता है, उससे कहीं अधिक जानता है।

अल्फ़्रेड एडलर

इसमें क्या ग़लत है कि अगर दुनिया में कोई आदमी ऐसा हो जिसे आपको समझने की कोशिश करना अच्छा लगता है?

हारुकी मुराकामी

स्त्री को कौन समझ सकता है।

विलियम शेक्सपियर

पति को जो वास्तव में धर्म समझकर, परलोक की वस्तु समझकर ग्रहण कर सकी है, उसके पैरों की बेड़ी चाहे तोड़ दी और चाहे बंधी रहने दी, उसके सतीत्व की परीक्षा अपने-आप हो ही गई, समझ लो।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय

जब किसी के बारे में लिखो तो यह समझकर लिखो कि वह तुम्हारे सामने ही बैठा है और तुमसे जवाब तलब कर सकता है।

गणेश शंकर विद्यार्थी

नेत्र बोल सकते हैं और नेत्र समझ सकते हैं।

जॉर्ज चैपमैन
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स्वामी पसंद-नापसंद की चीज़ नहीं है। उसे बिना कुछ विचारे मान लेना होता है।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय
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